Monday 31 March 2014

तेरी यादें....

तेरी यादों में खोया
खुद को गवाह बैठा।
ये दिल बोहोत रोया
जो तुझको गवा बैठा।
तेरी हर याद सताती है
हर पल रुलाती है।
माना की गलती थी मेरी
पर ये मजबूरी थी मेरी।
क्योंकि मेरी एक ही खता है,
ये दिल आज भी तुमपे मरता है।
हो सके तोह मेरी खता भुला देना।
हो सके तोह मुझे एक बार फिर अप्ना लेना.....


Thursday 27 February 2014

ये है मुंबई मेरी जान !

जहा हर आदमी सुबह उठकर सोचे की 
"आज मेरे ट्रेन ना छुते भगवान।"
वोह शेहेर कोई और नहीं 
ये है मुंबई मेरी जान !

जहा एक वडा पाव में दिन कट जाये,
रात २ बजे भी नुक्कड़ पे चाय मिल जाये।
सचिन और लता है जिसकी शान, 
ये है मुंबई मेरी जान !

आँखों में सपने लिए जहा रोज़ हज़ारों चले आये,
और ये शेहेर उन्हें हस्ते हस्ते अपनाये।
सारी दुनिया में जिसने रोशन किया हिंदुस्तान,
ये है मुंबई मेरी जान !

पहली बारिश के साथ जहा हर कोई मरीन ड्राइव पहुच जाये, 
रात में जोह इस रानी के गले का हार कहलाये,
इसकी खूबसूरती ही है जिसकी पहचान। 
ये है मुंबई मेरी जान !

हिंदी सिनेमा जिसे अपना घर बुलाये,
शाहरुख़, अमिताभ ने जहा ध्धके खाए,
और फिर यही कमाया शौरत और नाम।
ये है मुंबई मेरी जान !

जहा कोई किसी को वक़्त ना देपाये,
फिर भी वक़्त आने पर सब एकजुट होजाये। 
मुम्बैकर है जहा के लोगों का नाम,
ये है मुंबई मेरी जान ! 

Friday 21 February 2014

नई ज़िन्दगी की आस !!!

मैं चलता रहा वहाँ
ये रास्ते  ले चली मुझे जहाँ ,
ना सोचा है की मंजिल मिलेगी भी
रास्ता थम जायेगा जहाँ ।

फिर भी चल रहा हूँ मैं
तलाशते हुए खुद को।
इन रास्तों की गोद में
भुलाता हर तकलीफ को।

ऊघ  चूका हूँ मैं
अपनी घिसी पिटी ज़िन्दगी से,
अप्ने शेहेर से, गली चौराहे से,
घर के चार दीवारों के बंदगी से।

पीछें छोड़ के वोह दुनिया
अब तो मुझे बस उड़ना है।
हर देश, हर शेहेर, हर गली,
सब को अपना बनाना है।

नए लोग, नए रिश्ते,
होगी एक नई शुरुवात।
फिर भी दिल में आस होगी
काश होता जिग्री दोस्तों का साथ।


Monday 31 December 2012

नयी उम्मीद, नया सवेरा...!!!

बैठे है रात की गोद में
करने आज को अल्विदा
लायेगा कल का सूरज
अपने साथ नया सवेरा ।

रहेगी धरती वोही
और वोही रहेगा आसमान
हम तुम भी होंगे वोही
बस होगा नया कारवां ।

नयी उम्मीद की किरण होगी
होगा नया हौसला
और नए जोश के साथ
होगा सही गलत का फैसला ।

ना पिछली गलतियों का अफ़सोस होगा 
ना दुःख भरी यादें होंगी
बस आने वाले समय में
खुशियों की उम्मीद होगी ।

चेहरे पे हसी लिए
सामना करेंगे हर हाल का
अतीत की कैद से आज़ाद
स्वागत होगा नए साल का ।

Monday 17 December 2012

Home is where the heart is...!!!!

अपने नज़रों से देखो
तोह सिर्फ चार दीवार है
मेरे रूह में झांकों
तोह यादों का भण्डार है ।

ये ही वोह फर्श है
जिसपे मैंने चलना सीखा
ये वही छत है
जिसके साए में मैंने पहला सपना देखा ।

यहाँ की हवाओं में
मेरे आसुओं की मेहेक है
यहाँ की दीवारों में
मेरे हसी की चेहेक है ।

इसी की छत्रछाया में
मैंने अपना बचपन बिताया
यहाँ से जाने के ख़याल में
मेरा दिल भर आया ।

यहाँ से जाना मेरी मर्ज़ी नहीं
मेरी मजबूरी का किस्सा है
क्यूंकि ये सिर्फ मेरा घर नहीं
बल्कि मेरे रूह का हिस्सा है !!!

Note: The title is in English because I felt there was no better title for the poem and translating it in Hindi was not apt.


Friday 14 December 2012

मैं तुजको न भुला पाया....

तुजको जो ना पाया
तो मैंने सब कुछ ही गवाया
हर जगह दिखायी दिया
बस तेरा ही साया ।

बोहोत कोशिशों के बावजूद
मैं तुजको न भुला पाया
और तेरी इन यादों से दौड़ते दौड़ते
मैं खुद ही को कही भूल आया ।

तेरे घम के आड़ में
मैंने आते हुए खुशियों का गला दबाया
अतीत के बाहों में गिरकर
मैं हर पल सिर्फ पचताया ।

पहले ज़िन्दगी को अपनाया
और फिर थुक्राया
इतनी कोशिशों के बावजूद भी
मैं तुझको न भुला पाया ......!!!


Sunday 21 October 2012

दोस्ती...

बेरंग थी मेरी दुनिया
थी बस ख़ामोशी ही ख़ामोशी ,
फिर मिले तुम कमीने
और छा गयी ये मधोशी।

तुम्ह्ने दिखाया एक नया नज़रीया
ज़िन्दगी के हर पेहलू को देखने का ,
तुम्ह्ने सीखाया एक नया तरीका
ज़िन्दगी हस्ते हुए जीने का।

तुम्ही ने बदल दी है मेरी पेहचान
और अब बन बैठे हो इस दिल की जान।
ना दौलत ना शौरत की अब मुझे अर्मान
हमारी दोस्ती है अब मेरी सबसे बड़ी शान।

झिन्दगी भले थम जाए ,
ये दोस्ती ना थम पाएगी।
भले ये तन दुनिया में रहे या ना रहे
ये मन तोह तुम्हारे साथ ही रहना चाहेगी।

दुनिया से जाते जाते
तुम्हारी यादें साथ लेता जाऊंगा ,
खुदा ने पुछा तोह कहूँगा
अपनी जन्नत में अपने साथ लेता हुआ आऊंगा।